राजयोग करके नशों से छुटकारा पाया सकता : बहन रजनी

गिदड़बाहा, १३ नवंबर (शक्ति जिंदल) नशा मुक्ति अभियान के तहत प्रजापिता ब्रह6माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की ओर से एमएमडी डीएवी कालेज गिदड़बाहा में नशों के घातक परिणाम पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ब्रह6माकुमारी बहन रजनी की ओर से नशों के सेवन से होने वाली भंयकर नतीजे से छात्रों को अवगत करवाया। इस दौरान उनकी ओर से इन नशों से दुर रहने व मैडीटेशन के जरिए इन नशों को छोडऩे की विधी बतलाई गई।
बहन रजनी ने इस दौरान नशों के सेवन से होने वाली बीमारियों से संबंधित विडियों दिखाते हुए इनसे दुर रहने की प्रेरणा भी दी। इस अवसर पर बहन रजनी ने बताया कि तंबाकू का इतिहास करीब आठ सौ साल पुराना है। लगातार तंबाकू का सेवन करते रहने से दिल का दौरा पडने की संभावना बढ़ जाती है। फेफडों की बीमारी,कैंसर,पेट की बीमारीयां रहना आम बात है। बहन रजनी ने आगे बताया कि सिगरेट में पाये जाने वाला निकोटीन के चलते हदय की गति ३३ बीटस प्रति मिंट बढ़ जाती है। निकोटीन हाथ व पैरों की नसों की रक्तप्रवाह में बाधा डालता है। निकोटीन व्यक्ति को पैरालाईस का अटैक कर उसकी जिंदगी खतम कर देता है। बहन रजनी ने आगे बताया कि तंबाकू की खेती दक्षिण अमेरीका में होती थी। जहां से कोलंबस ने इसे युरोप में लाया जबकि इसके बाद युरोप से होता हुआ तंबाकू सन् १६०० में भारत पहुंचा। भारत में इस समय ५५ प्रतिशत पुरूष व १४ प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का इस्तेमाल करती है। दस साल की उम्र के कम के बचचें भी तबांकू का सेवन करने लगे है। तंबाकू से होने वाली बीमारियों से छात्रों को अवगत करवाते हुए बहन रजनी ने बताया कि नशों की लत पर समय रहते काबू नही पाया गया तो यह आगे चलकर यह नशें व्यक्ति को शरीरिक व मानसिक तौर पर नष्ट कर देते है। हर समय सुस्ती रहना,आंखों के नीचे काले घेरे,नींद व भुख में परिर्वतन आना,हर समय तनाव में रहना जैसे परिणाम व्यक्ति में आम देखे जा सकते है। इससे बचे रहने के उपाय बताते हुए बहन रजनी ने कहा कि इंसान को खुद ही अपना मनोबल ऊंचा करने की जरूरत है। इसके साथ ही राजयोग करके इस तरह के नशों से  छुटकारा पाया सकता है। इसके इलावा बहन रजनी ने बताया कि उनके संस्थान की ओर से आश्रम में नशा छोडऩे वालों का संकल्प करवाकर दवाई मुफत वितरित की जा रही है। जिससे इंसान का लाभ मिलेगा। कालेज प्रिंसीपल ने भी दी छात्रों को प्रेरणा :
इस अवसर पर कालेज के प्रिंसीपल डा. आर . के. महाजन ने छात्रों को बताया कि नौजवान पीढ़ी देश का भविष्य होता है,मगर यह बड़े अफसोस की बात है कि वह खुद को भूलता जा रहा है। अपने जीवन का मकसद वह पुरी तरह से भूल चूका है। नशों की दलदल में फसकर वह इसके घातक परिणामों को समय रहते नही समझ रहा,मगर बाद में उसके पास पश्चाताप के सिवाए कुछ भी नही रहता। उन्होने कहा कि इन नशों का खातमा खुद नौजवान ही कर सकते है। वे इनके घातक परिणामों को समझे ओर ग्रामीण इलाकों में जाकर दुसरे भटके हुए नौजवानों को सही रास्ते पर लाने का प्रयास करें। कार्यक्रम दौरान स्टेज सचिव का कार्यभार प्रों. भुपिद्रर सिंह जस्सल ने बखुबी अदा किया। इस मौके पर मैडम मनीद्ररजीत कौर रधांवा,प्रों.राकेश महाजन,मुकट बिहारी शर्मा,जसविद्रर बाघला,भुपिद्रर सिंह जस्सल इत्यादि भी उपस्थित हुए।

कार्यक्रम दौरान उपस्थित कालेंज स्टाफ व नशों पर लेकचर सुनते छात्र। (छाया : जिंदल)

 

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