बाल दिवस पर बच्चों की आंखों की जांच कर की गई शुरूआत
गिदड़बाहा, १४ नवंबर (शक्ति जिंदल) इलाके में आंखों की बीमारियों से ग्रस्त लोगो का इलाज करवाकर उनको रौशनी दिलाने का उद्देश्य लेकर वीरवार को गिदड़बाहा के सिविल अस्पताल में कैंप की शुरूआत की गई। यह कैंप चीफ ज्यूडीशिल मैजिस्ट्रेट दलजीत सिंह रल्हन के प्रयासों सदका शहर की समाजिक संस्था राहत फाऊंडेशन के सहयोग से आंरभ किया गया। इस कैंप के पहले दिन इलाके के करीब आठ गांवों के सरकारी प्राईमरी,मिडल व हाई स्कूल के लगभग २०७ बचचों की आंखों की जांच करने हेतु रजिस्ट्रेशन की गई। यह कैंप अगामी वर्ष की २८ फरवरी तक जारी रहेगा।
कैंप के शुरूआती दौर में चीफ ज्यूडीशिल मैजिस्ट्रेट दलजीत सिंह रल्हन ने कहा कि बचचे देश का आने वाला भविष्य है। कोई भी देश तरक्की तभी कर सकता है,अगर उस देश में रहने वाले बचचे पढ़ाई करके काबिल होगें। मगर बड़े अफसोस की बात है कि ग्रामीण इलाकों अंदर ऐसी कई तरह की बीमारियां बढ़ रही है,जोकि धीरे धीरे देश की बुनियाद को खोखला कर रही है। समय रहते इस पर काबू पाया जाना जरूरी है। इनमें आंखों से संबंधित कई रोग देखने को मिल रहे है। इस बीमारी से पीडि़त मरीजों का इलाज करवाने हेतु उनकी ओर से प्रयास किए जा रहे है। आंखों से संबंधित मरीज छोटी उम्र के बचचे भी देखे गए है,जिसके चलते उनकी ओर से १४ नवंबर को बाल दिवस के अवसर पर सबसे पहले बचचों को इस बीमारी से निजात दिलाने का फैसला किया। इसी क्रम के तहत इस कैंप की शुरूआत की गई है। इस अवसर पर सिविल अस्पताल के नवनियुक्त एसएमओं डा. विजय कुमार वर्मा की ओर से हर तरह का सहयोग दिलाने का विश्वास दिलाया। इस मौके पर सिविल अस्पताल में तैनात डा. डिंपी कक्कड़ व उनकी टीम की ओर से बचचों की जांच की गई। इस कैंप की जानकारी देते हुए राहत फाऊंडेशन के संस्थापक प्रवीण कुमार बांसल व सदस्य भूपेन दाबड़ा जी ने बताया कि उनका लक्षय इलाके में से आंखों की बीमारियों से पीडि़त मरीजों को नई रौशनी प्रद्वान करवाना है। अगामी २८ फरवरी २०१४ तक समूचे इलाके में से इस बीमारी को जड़ से खतम कर दिया जाएगा। इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों के आप्रेशन व उनको ऐनके उनकी ओर से मुफत दी जाएगी। इस मौके पर अनमोल कुमार बबलु,डा. विनय बांसल,रिटायर फौजी हरदियाल सिंह भारू,फार्मासिस्ट अजय कुमार,रिंकु गिलहौतरा इत्यादि भी उपस्थित हुए। इस कैंप को सफल बनाने हेतु दशमेश नर्सिग इस्टीटिुट की छात्रायों ने भी विशेष तौर पर अपना सहयोग दिया।